Saturday, June 28, 2008

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अमेरिका: अमीर भारतीय महिला की क्रूरता
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28 जून 2008
एजेंसियां

न्यूयार्क। अमेरिका में भारतीय मूल की एक महिला को अपने घर में दो इंडोनेशियाई नौकरानियों को गुलाम बनाकर रखने के आरोप में 11 वर्ष की कैद की सजा सुनाई गई है।

सेंट्रल इस्लिप की जिला अदालत ने 46 वर्षीया वर्षा सभनानी को 11 वर्ष की कैद के अलावा उसे तीन वर्ष के प्रोबेशन और 25 हजार डॉलर जुर्माने की सजा भी सुनाई गई है।

पढ़ें: अमेरिका: भारतीय व्यापारी को 3 साल की कैद

वर्षा के साथ उसके करोड़पति पति महेंद्र सभनानी को भी दोषी पाया गया। माना जा रहा है कि महेंद्र को शुक्रवार को सजा सुनाई जाएगी। उन्हें दो से तीन वर्ष की कैद की सजा मिल सकती है।

वर्षा ने जिन दो महिलाओं को गुलाम बनाकर रखा था, उसमें से एक 2002 और दूसरी 2005 में इंडोनेशिया से आई थी। इन दोनों को वर्षा पैसे नहीं देती थी बलिक इनके परिवार वालों को सौ डॉलर प्रति महीने भेज देती थी। उनके पासपोर्ट और सभी कानूनी कागजात चीन लिए गए थे और उन्हें लगातार मारा-पीटा जाता था, भूखे रखा जाता था।

एक बार जब एक नौकरानी भूख बर्दाश्त नहीं कर पाने के कारण कचरे के डिब्बे से खाना बीन कर खाने लगी तो वर्षा ने उसे लाल मिर्चियां खाने पर मजबूर किया और मिर्च खाते-खाते जब कड़ुवाहट बर्दाश्त नहीं कर पाने के कारण नौकरानी ने उल्टी कर दी तो उसे वर्षा ने वही वमन वापस खाने पर मजबूर किया।

वर्षा उन नौकरानियों को फर्श पर सोने और कड़कड़ाती ठंड में ठंडे पानी से नहाने की सजा अक्सर देती थी।

उसका भांडा तब फूटा जब कुछ महीने पहले उसकी एक नौकरानी घर से निकल भागी। वह घूमती हुई एक खाने के स्टोर में चली गई। तब उसके बदन पर कपड़े नहीं बलि फटे- पुराने चीथड़े लटक रहे थे। उसकी हाल्त देख कर स्टोर के मालिक ने पुलिस को फोन कर दिया।

वर्षा को अमानवीय प्रताड़ना देने के आरोप में और उसके पति महेन्द्र को इन अत्याचारों को नहीं रोकने तथा उससे लाभ उठाने के आरोप में सजा मिलेगी।

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पाठकों की राय
29 जून 2008

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Jun 28, 2008
लोग बहुत लालची होते जा रहे है . क्या होगा इस संसार का .भगवान कहा है...
DINESH TIWARI GANDHIDHAM GUJARAT
Jun 28, 2008
आप को एक सलाह है कि ऐसी औरत को सजा ए मौत देनी चाहिए...
SUTESH TULSIAN JHUNJHUNU
Jun 28, 2008
जिस महिला ने इतना अमानवीय कृत्य किया है उसे 11 साल सज़ा के साथ वही प्रताड़ना मिलनी चाहिए जो उसने उन लोगों को दी है..क्योंकि विदेशों की तो ज़ेल भी शानदार होती है...इस महिला की वज़ह से भारतीयों के सम्मान को ठेस पहुंचती है...
kusum negi New Delhi
Jun 28, 2008
यह ख़बर पढ़ने के बाद बड़ी ग्लानि महसूस हुई, क्योंकि इंडिया में औरत को लक्ष्मी का रूप माना जाता है...उसने अगर ऐसा किया है तो उसे सख़्त से सख़्त सज़ा मिलनी चाहिए और साथ ही उन दोनों नौकरनियों को आर्थिक मदद प्रदान करनी चाहिए....
BHUPENDRA PRATAP SINGH GAZIABAD
Jun 28, 2008
मानवता ही मनुष्य का सबसे बड़ा धर्म है...मनुष्य किसी भी जाति, धर्म या देश का हो पर सबसे पहले उसमें मानवता होनी चाहिए...ऐसे क्रूर महिला को तो शायद भगवान भी माफ़ ना करे...
Ramesh Maithani Dehradun Uttrakhand
Jun 28, 2008
पिछले 6 साल से मैं जकार्ता इंडोनएसिया मैं रहता हू. यहा के लोग मतलब इंडोनएसियन हिंदुस्तनियो की बहुत रेस्पेक्ट करते है. मैं ये सोच रहा हू की अगर येह ख़बर यहा जकार्ता के लोकल अख़बार मैं छप गयी तो कितनी ईमेज ख़राब होगी.
AJay Jakarta

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